BSDA vs Non- BSDA
BSDA (बेसिक सर्विसेज डीमैट अकाउंट) vs Non- BSDA (रेगुलर डीमैट अकाउंट) बीएसडीए और नॉन-बीएसडीए दोनों भारत में डीमैट खाते हैं जो शेयर, बॉन्ड आदि को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने के लिए उपयोग होते हैं, लेकिन इनमें लागत, पात्रता और उद्देश्य के आधार पर अंतर है। यहाँ आसान हिंदी में तुलना है: बीएसडीए (Basic Services Demat Account) - **उद्देश्य**: सेबी ने छोटे या नए निवेशकों के लिए कम लागत वाला विकल्प शुरू किया ताकि वे आसानी से निवेश शुरू कर सकें। - **पात्रता**: - निवेशक के पास सिर्फ एक डीमैट खाता होना चाहिए (दूसरा खाता नहीं होना चाहिए)। - होल्डिंग्स की कुल कीमत ₹10 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए (सेबी के नए नियम, 1 सितंबर 2024 से; पहले ₹2 लाख था)। - खाता सिर्फ एक व्यक्ति का होना चाहिए (जॉइंट अकाउंट नहीं चलेगा)। - **वार्षिक रखरखाव शुल्क (AMC)** : - ₹0 अगर होल्डिंग ₹4 लाख तक है। - ₹100 (प्लस टैक्स) अगर होल्डिंग ₹4 लाख से ₹10 लाख के बीच है। - अगर कीमत ₹10 लाख से ज्यादा हो जाए, तो यह नॉन-बीएसडीए में बदल जाता है और सामान्य शुल्क लागू होता ...